Tuesday, April 27, 2010

हिल गये इंडियन्स...

पिछले महिने से चल रहा आयपीएल का दौर आखिर में ख़त्म हुआ। चेन्नई सुपर किंग्ज ने इस साल खि़ताब हासिल कर के अपने आप को सिकंदर साबित कर दिया। आखरी मुक़ाबले में मुंबई जैसे टीम को हराकर उन्होने जो खेल दिखाया है वह तारीफ़ के काबिल है। इस के लिए मैं उन का अभिनंदन करता हूं।

मैं तो पहले से ही मुंबई इंडियन्स के पक्ष मे था। मुंबई की टीम होने की वजह से और उन का अब तक का खेल भी बहुत अच्छा हुआ था इसलिए मुंबई ही इस साल का आयपीएल कप हासिल करेगी ऐसी मुझे उम्मीद थी। मगर इंडियन्स ने उन पर पानी फेर दिया। हमेशा ’हिला के रख देंगे इंडियन्स’ बोलने वाले मुंबईकर आखरी मैच में खुद ही हिल गये। पिछले तीन साल से लगातार सेमी-फायनल में पहुंचने वाली चेन्नईने मुंबई को ऐन मौके पर आसमान दिखा दिया। मैने अपने ब्लॉग पर जो आयपीएल के लिय पोल तैयार किया था, उस के ५२ मे से ४६ वोट्स सिर्फ़ मुंबई इंडियन्स को मिले थे। यानी मुंबई इस साल की सब से हॉट फेवरिट थी। मगर अंतिम क्षण मे मुंबई ने अपने सपोर्टर्स को काफ़ी निराश किया है।
अंतिम मैच तक का मुंबई का सफ़र काफ़ी अच्छा रहा। उन्होंने १४ में से १० मैच जीते थे। दूसरी तरफ़ चेन्नई की उन के आखरी मैच तक सेमी-फायनल में आने की उम्मीद नहीं थी। लेकिन सेमी-फायनल का मैच उन्होने काफ़ी आसानी से जीत लिया। अब तक के मैचों का ब्योरा लिया जाय तो चेन्नई से मुंबई के इतना ख़तरा तो नहीं था, लेकिन चेन्नई के कप्तान महेंद्रसिंह धोनी अपनी कप्तानी का जो नमूना पेश किया वो लाजवाब था। अन्य कप्तानों के लिए वह एक सबक बन सकता है।
आखरी मैच में मुंबई पूरी तरह से सचिन पर निर्भर नहीं रह सकती थी। लेकिन उन्होने शुरूआत कुछ धीमी गती से की। इस का प्रभाव उन की रनों की गती बढाने पर ज़रूर पड़ा था। मुंबई ने जितनी भी ग़लतियां की, उन में से एक भी चेन्नईने नहीं की। चेन्नई के फ़िल्डर्स ने लिए कैचेस बेहतरीन थे। दूसरी तरफ़ मुंबई के फ़िल्डर्स इतने चुस्त नज़र नहीं आये। रैना की छोडी हुई कैच मुंबई को काफ़ी महंगी पडी। अंतिम क्षण में धीमे हो जाने की वजह से मुंबई को हार का सामना करना पड़ा। इस वजह से मुंबई इंडियन्स के हाथों में आयपीएल ट्रॉफ़ी देखने की हम जैसे फ़ॅन्स की इच्छा अधूरी रह गयी...! मेरी तरह हमारे अमिताभजी भी मुंबई के हार पर नाराज़ है। मैने आज ही उन का ब्लॉग पढ़ा था। अब हमें अगले आयपीएल तक का इंतजार करना पडेगा...

No comments:

Post a Comment

to: tushar.kute@gmail.com